Corona Virus - Important mantras for fast recovery


अचूक देवी मंत्र हर एक बीमारी दूर करे

देवी मंत्र का शुभ प्रभाव लाइलाज बीमारियों को भी दूर करने वाला माना गया है।
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा विशेष फलदायी है। नवरात्रि ही एक ऐसा पर्व है जिसमें माता दुर्गा, महाकाली, महालक्ष्मी और सरस्वती की साधना कर जीवन को सार्थक किया जा सकता है।

नवरात्रि के विशेष काल में देवी उपासना के साथ खान-पान, रहन-सहन और देवी स्मरण में अपनाये गये संयम और अनुशासन से तन व मन को शक्ति और ऊर्जा मिलती हैं। इससे इंसान निरोगी होकर लंबी आयु और सुख पाता है। यही वजह है कि शास्त्रों में देवी उपासना के कुछ विशेष मंत्रों का स्मरण सामान्य ही नहीं गंभीर रोगों की पीड़ा को दूर करने वाला माना गया है।

इन रोगनाशक मंत्रों का नवरात्रि के विशेष काल में ध्यान अच्छी सेहत के लिये बहुत ही असरदार माना गया है। ऐसे है रोगनाशक विशेष देवी मंत्र 

* ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै

* सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
  शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

* ऊँ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
  दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।

* या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। 

* या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के अलावा हर रोज भी इस मंत्र का यथसंभव 108 बार जप तन, मन व स्थान की पवित्रता के साथ करने से संक्रामक रोग सहित सभी गंभीर बीमारियों का भी अंत होता है। घर-परिवार रोगमुक्त होता है। इस मंत्र जप के पहले देवी की पूजा पारंपरिक पूजा सामग्रियों से जरूर करें। इनमें गंध, फूल, वस्त्र, फल, नैवेद्य शामिल हो। इतना भी न कर पाएं तो धूप व दीप जलाकर भी इस मंत्र का ध्यान कर आरती करना भी बहुत शुभ माना गया है।

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